जुम्मन मियाँ को रोमांटिक मुङ में देखक।
उनकी बेगम बोली : एक बात सुनि।
आप मेरे लिए क्या कर सकते हो ??
मियाँ – जो तुम कहो, बेग।
बेगम – क्या ये ग़ुलामी और वोट की दलाली छोर सकते हो ??
मियाँ : कमरे मे गए और कुछ चीज़ छिपा कर लाये और बेगम से कहा, आँखे बंद कर।
और वो चीज़ बेगम के हाथों में रख दी। फिर आँखें खोलने को कहा।
बेगम की आँखों में आंसू थे।
क्योंकि उनके हाथों में एक ग़ुलामी वाला अतर थमा दी जिससे के वो ग़ुलामी में मदहोश हो गयी।
बेगम – या ख़ुदा ।
आप हमेशा ऐसे ही पार्टियों की दरी बिछाओ और ग़ुलामी कारो।
Conclusion:
जुम्मन गिरी नहीं आसान इतना ही समझ लीजिये।
एक ग़ुलामी का पट्टा है उसे बांध के रहना है।
गुस्ताखी माफ़।
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